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Vastu Case Study – Interior and Vastu

इंटीरियर डिजाइन या साज सज्जा से भी किसी घर का वास्तु बिगड़ सकता है. एक क्लाइंट विजिट के दौरान मैंने ऐसा ही देखा.

क्लाइंट की पत्नी वास्तु विद्या में बहुत रुचि रखती है और उन्होंने इस विषय पर कुछ किताबें भी पढ़ी हैं. इसलिए उन्होंने घर लेते समय वास्तु के साधारण नियमों का ध्यान रखा. जब उन्होंने मुझे घर का नक्शा भेजा तो मैंने देखा कि घर की बनावट में एक पूर्व आग्नेय के द्वार को छोड़कर कोई बड़ा वास्तु दोष नहीं है.पर क्लाइंट के अनुसार जब से वह इस घर में आए हैं तो उनका व्यवसाय प्रभावित हुआ है और पति-पत्नी में कलह भी रहने लग गई है. कुल मिलाकर उनकी सुख शांति भंग हुई और उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. जब मैं वास्तु विजिट पर उनके घर पहुंचा तो देखा उनका घर उत्तर मुखी है, जिसका मुख्य द्वार उत्तर ईशान में है.पूरब और उत्तर में वास्तु के अनुसार उन्होंने लॉन बना रखा है. उन्होंने घर की इंटीरियर डिजाइन और लैंडस्केपिंग में बहुत पैसा खर्च किया है. यहीं पर मुझे उनके घर का पहला वास्तु दोष दिखा.उत्तरी भाग के लॉन में लैंडस्कैपिंग में उन्होंने नकली चट्टाने और उनमें से बहता हुए पानी का छोटा सा झरना बना रखा था. उत्तर में पानी अच्छा होता है पर यह नकली पत्थर और चट्टाने उत्तर को भारी कर भयंकर वास्तु दोष बना रही थी.मैंने सबसे पहले इन्हें हटवाया और यहां पर एक छोटा सा पेडलिंग पूल बनाने को कहा. क्लाइंट को भी यह विचार बहुत पसंद आया.उनके घर के एंट्रेंस के बाद लॉबी डबल स्टोरी की थी जिसके दक्षिण भाग में उन्होंने बहुत बड़ा सजावटी मिरर लगा रखा था , जो कि एक वास्तु दोष बना रहा था. उनके मुख्य बेडरूम में पूरब की ओर बढ़ी अलमारियां बना रखी थी जिससे पूर्व भारी हो गया था. यह वास्तु सम्वत नहीं है.बेडरूम से निकलते ही बेडरूम के सामने लॉबी में क्रोकरी वगैरह रखने के लिए interior decorator ने कबर्ड बनाई थी, इससे बेडरूम के दरवाजे पर द्वार वेध का वास्तुदोष हो रहा था. इसके अलावा उनके पुत्र के बेडरूम में इंटीरियर डेकोरेटर ने उत्तर की तरफ सिर कर के बेड लगाया था. सभी वास्तु प्रेमी जानते हैं कि उत्तर की तरफ सिर करना शास्त्र अनुकूल नहीं है और अनिद्रा व रक्तचाप जैसी बीमारियों को जन्म देता है. इन सब वास्तु दोषों को दूर करवाने के अलावा मैंने उन्हें पूर्व आग्नेय का घर का दूसरा द्वार बंद करने को कहा. इसके इलावा थोड़े फर्नीचर की सेटिंग बदलवाई व कुछ छोटे मोटे चेंज कराए.

भगवान सूर्य की कृपा से 2 महीने के अंदर उनका परिवारिक कलह लगभग समाप्त हो गया वह आप उनका बिजनेस भी पहले की तरह गति पकड़ने लगा.इस पोस्ट को डालने का उद्देश्य यही है कि यदि आप घर में इंटीरियर डेकोरेशन का कार्य करवाते हैं तो वह भी वास्तु सम्मत होना चाहिए मात्र वास्तु अनुकूल घर लेना सुख शांति की गारंटी नहीं है.